कोरोना महामारी ने कंपनियों की नियुक्तियों के तरीके में बड़ा बदलाव ला दिया है। कोरोना की दूसरी लहर से उबरकर कंपनियां छोटे शहरों से पेशेवरों की नियुक्तियां कर रही हैं। टेक महिंद्रा, टीसीएस, भारती एक्सा, लेंडिंग कार्ट, बायजू, पब्लिसिस सैपिएंट और एनटीटी जैसी कंपनियों के अधिकारियों ने इस रुझान की पुष्टि की है।
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भर्ती फर्म सीआईईल की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से पहले कंपनियां जहां सिर्फ पांच फीसदी नियुक्तियां छोटे शहरों से करती थी वह अब बढ़कर 35 फीसदी बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 181 कंपनियों ने 15,090 लोगों की नियुक्ति छोटे शहरों से की है। वहीं, एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, टेक्नॉलजी तथा टेलिकम्युनिकेशंस सेक्टर के 82 फीसदी कंपनियां वर्चुअल हायरिंग को तैयार हैं। भारत में कई कंपनियां आज हायरिंग करते समय पेशेवरों को चुनने के लिए डेटा एनालिटिक्स पर भी फोकस कर रही हैं। लिंक्डिन के रिसर्च से पता चलता है कि भारत की 91% कंपनियां डेटा का इस्तेमाल पेशेवरों की हायरिंग के लिए कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है त्योहारी सीजन के साथ छोटे शहरों से नियुक्तियां बढ़ने वाली हैं। कंपनियों को इन शहरों से पेशेवरों की नियुक्ति करने में कम लगात आ रही है।
इन शहरों से पेशेवरों की सबसे अधिक मांग
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रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां नए टैलेंट को हायर करने में जिन शहरों को प्राथमिकता दे रही हैं उनमें शामिल हैं ऊटी, पटना, नागपुर, इंदौर, लखनऊ, कोलकाता, कोयंबटूर और हुबली। इसके अलावा कई और छोटे शहर नए टैलेंट को हायर करने के लिए कंपनियों के बीच अपनी जगह बना रहे हैं।
इन सेक्टर में सबसे अधिक नियुक्ति
छोटे शहरों से जिन सेक्टर में सबसे अधिक हायरिंग हो रही है उनमें शामिल है ऑपरेशन, एचआर, फाइनेंस, कस्टमर सर्विस और आईटी पेशवर। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां फिल्ड जॉब के लिए अलग-अलग शहरों में नियुक्तियां कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में छोटे शहरों से हायरिंग में और इजाफा होने की उम्मीद है क्योंकि कंपनियों को बड़ी बचत हो रही है। उनको कम बजट में अच्छे टैलेंट आसानी से मिल रहे हैं।
रोजगार के मौकों में जोरदार उछाल
देश के रोजगार के मौकों में जोरदार उछाल आया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार, सितंबर में रोजगार में 85 लाख की वृद्धि हुई, जिससे महीने के दौरान बेरोजगारी दर घटकर 6.9 फीसदी हो गई। इनमें वेतनभोगी नौकरियों में वृद्धि की प्रधानता रही। इसके साथ ही श्रम भागीदारी दर 40.5 फीसदी से बढ़कर 40.7 फीसदी हो गई और रोजगार दर 37.2 फीसदी से बढ़कर 37.9 फीसदी हो गई। दिहाड़ी मजदूर के रोजगार में भी उछाल आया है। अगस्त में यह 128.40 मिलियन था जो 5.5 मिलियन बढ़कर 134 मिलियन पर पहुंच गया। इस तरह दिहाड़ी मजदूर के लिए रोजगार का आंकड़ा प्री-कोविड लेवल के 130.5 मिलियन पर पहुंच गया।
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