Publish Date: | Sat, 02 Oct 2021 04:55 PM (IST)
Gwalior Health News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चिलचिलाती धूप में 52 साल के राजकुमार अपने चार रिश्तेदारों के साथ 73 साल के पिता लच्छी को स्ट्रेचर पर लिटाकर सीटी स्कैन कराने पहुंचे। न्यूरोलॉजी वार्ड से 400 मीटर की दूरी तय करने में राजकुमार पसीना-पसीना हो गए। राजकुमार का कहना था कि वे दो घंटे तक व्हीलचेयर के लिए भटके। व्हीलचेयर जब नहीं मिली तो किसी तरह से स्ट्रेचर पर पिताजी को लिटाकर ले जाया गया। इसके लिए मुझे अपने रिश्तेदार बुलाने पड़े। क्योंकि यहां पर कोई मदद करने वाला नहीं है। कई बार डाक्टर से बोला कि जांच कराने जाना है व्हील चेयर उपलब्ध करा दीजिए जिससे मैं पिताजी को लेकर जा सकूं, लेकिन सभी ने अनसुना कर दिया। अस्पताल में जब स्ट्रेचर बॉय नहीं मिला तो खुद ही स्ट्रेचर खींचना पड़ा। यह समस्या एक राजकुमार की नहीं बल्कि हर उस मरीज के अटेंडेंट की है जिसे अपना मरीज एक भवन से दूसरे भवन तक ले जाना है। गौरतलब है कि जयारोग्य अस्पताल में मरीज को जांच के अलावा एक-स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए 27 स्ट्रेचर बॉय रखे गए थे। इन स्ट्रेचर बॉय की उपलब्धता हाइट कंपनी ने कराई थी। आउट सोर्स पर रखे गए 47 कर्मचारियों का अनुबंध हाइट ने 30 सितंबर को समाप्त कर दिया। जिसमें 27 स्ट्रेचर बॉय भी शामिल हैं। इस कारण से अब जेएएच में मरीज और उनके अटेंडेंट के सामने समस्या खड़ी हो गई है।
ऊर्जा मंत्री ने दिया था स्ट्रेचर व्बॉय की व्यवस्था पर जोर
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर डेढ़ साल पहले कांग्रेस शासन काल में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। उस वक्त ऊर्जा मंत्री एक रात माधव डिस्पेंसरी पहुंचे थे तो वहां पर मरीज को न तो स्ट्रेचर उपलब्ध मिला था और न ही स्ट्रेचर बॉय की सुविधा मिल सकी थी। इस पर मंत्री ने खुद पीड़ित को कैजुअल्टी तक अपने कंधे का सहारा देकर पहुंचाया था और अस्पताल प्रबंधन को खरी-खोटी भी सुनाई थी। इसके बाद कैजुल्टी के बाहर स्ट्रेचर व स्ट्रेचर बॉय की सुविधा शुरू करा दी गई थी।
स्ट्रेचर बॉय या अन्य कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो अस्पताल प्रबंधन खुद इस व्यवस्था को आगे बढ़ाएगा। मरीजों के हित में जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे उन्हें उठाया जाएगा।
आशीष सक्सेना, संभागायुक्त
Posted By: anil.tomar

