अमर उजाला नेटवर्क, शिमला
Published by: अरविन्द ठाकुर
Updated Mon, 04 Oct 2021 06:16 PM IST
सार
इलेक्ट्रिकल कार में सफर करने वाले अंजनेय ने बताया कि इस पूरी यात्रा में कार पर महज दो हजार रुपये खर्चा आया है। जबकि पेट्रोल गाड़ी में इस सफर पर पंद्रह से अठारह हजार रुपये खर्च आता है।
शिमला में प्रेसवार्ता करते अंजनेय।
– फोटो : अमर उजाला
देश की राजधानी दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले में इलेक्ट्रिक कार से सफर करना पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है। इससे जहां पर्यावरण को नुकसान कम होगा। वहीं पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर आने वाले खर्चे में भी कटौती होगी। दिल्ली से आए तीन पर्यटकों के दल ने काजा तक साढ़े आठ सौ किलोमीटर का सफर महज दो दिन में पूरा किया है। वहीं काजा से दिल्ली वापस पहुंचने में डेढ़ से पौने दो दिन ही लगे।
सोमवार को शिमला में प्रेसवार्ता कर इलेक्ट्रिकल कार में सफर करने वाले यूट्यूबर अंजनेय ने बताया कि इस पूरी यात्रा में कार पर महज दो हजार रुपये खर्चा आया है। जबकि पेट्रोल गाड़ी में इस सफर पर पंद्रह से अठारह हजार रुपये खर्च आता है। अंजनेय ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इलेक्ट्रिकल कार को लेकर जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने बताया कि ये कार पंद्रह एमपीयर के चार्जिंग से आठ घंटों की स्लो चार्जिंग पर पूरी तरह चार्ज की जा सकती है।
हालांकि जहां पर कार के चार्जिंग प्वाइंट होंगे, वहां पर केवल एक घंटा चार्ज होने में लगेगा। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, नारकंडा, रामपुर, रिकांगपिओ, ताबो, नाको, चांगो से होते हुए काजा पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इस कार में सफर करने से पर्यावरण को नुकसान कम होगा। इससे पहले दिल्ली से गोवा और गोवा से दिल्ली का 2300 किलोमीटर का सफर इस कार से किया है।
विस्तार
देश की राजधानी दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले में इलेक्ट्रिक कार से सफर करना पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है। इससे जहां पर्यावरण को नुकसान कम होगा। वहीं पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर आने वाले खर्चे में भी कटौती होगी। दिल्ली से आए तीन पर्यटकों के दल ने काजा तक साढ़े आठ सौ किलोमीटर का सफर महज दो दिन में पूरा किया है। वहीं काजा से दिल्ली वापस पहुंचने में डेढ़ से पौने दो दिन ही लगे।
सोमवार को शिमला में प्रेसवार्ता कर इलेक्ट्रिकल कार में सफर करने वाले यूट्यूबर अंजनेय ने बताया कि इस पूरी यात्रा में कार पर महज दो हजार रुपये खर्चा आया है। जबकि पेट्रोल गाड़ी में इस सफर पर पंद्रह से अठारह हजार रुपये खर्च आता है। अंजनेय ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इलेक्ट्रिकल कार को लेकर जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने बताया कि ये कार पंद्रह एमपीयर के चार्जिंग से आठ घंटों की स्लो चार्जिंग पर पूरी तरह चार्ज की जा सकती है।
हालांकि जहां पर कार के चार्जिंग प्वाइंट होंगे, वहां पर केवल एक घंटा चार्ज होने में लगेगा। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, नारकंडा, रामपुर, रिकांगपिओ, ताबो, नाको, चांगो से होते हुए काजा पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इस कार में सफर करने से पर्यावरण को नुकसान कम होगा। इससे पहले दिल्ली से गोवा और गोवा से दिल्ली का 2300 किलोमीटर का सफर इस कार से किया है।