Religion Conversion in Fatehpur गाजीपुर कस्बा स्थित बड़ी मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद की शिकायत पर पुलिस जांच में पता चला कि 20 साल पहले नेपाल से आया मौलाना फिरोज आलम ने खुद की पहचान छिपाकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर भारतीय नागरिकता हासिल कर ली थी।
फतेहपुर, जेएनएन। Religion Conversion in Fatehpur मतांतरण कराने के आरोप में पकड़ा गया नेपाली मूल का मौलाना कहता था कि दूसरे मत की लड़की लाओ और पैसा पाओ। इसके लिए वह मुस्लिम युवाओं को मजहबी तालीम के दौरान प्रेरित करता था। उसकी गतिविधियों से कस्बे का माहौल खराब हो रहा था। ये सच्चाई कम ही लोग जानते हैं। इसीलिए कुछ लोग उसका समर्थन कर रहे हैं। बच्चों को मतांतरण व गलत शिक्षा देने की शिकायत पर ही छह माह पहले उसे इमाम पद से हटा दिया गया था। शुक्रवार ये जानकारी गाजीपुर कस्बे की मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद ने दी। उन्होंने बताया कि मौलाना बांग्लादेश का भी हो सकता है। उधर, मौलाना पर दर्ज मुकदमे में मतांतरण की धारा भी बढ़ाई गई है। उसके फर्जी दस्तावेजों से नागरिकता हासिल करने, हिंदू युवती का मतांतरण कराकर मस्जिद में निकाह कराने, धोखाधड़ी करने के मामले में लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआइयू) व इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) उसके संपर्कों को तलाशने व बैंक खातों की जांच में जुटी है।
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यह है पूरा मामला: गाजीपुर कस्बा स्थित बड़ी मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद की शिकायत पर पुलिस जांच में पता चला कि 20 साल पहले नेपाल से आया मौलाना फिरोज आलम ने खुद की पहचान छिपाकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर भारतीय नागरिकता हासिल कर ली थी। गुरुवार को उसके खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था। उसके पास से बरामद मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल फोन व पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं। पता चला है कि साल भर पहले एक गांव में मुस्लिम युवक हिंदू युवती को बहला-फुसला कर भगा लाया था। मौलाना ने युवती का मतांतरण कराकर निकाह कराया था। एलआइयू प्रभारी दिनेश पाठक ने बताया कि मौलाना के कार्यों, उसके बनवाए प्रमाण पत्रों व पासपोर्ट की रिपोर्ट नेपाल दूतावास भेजी गई है। आरोपित मस्जिद के पास ही किराये का कमरा लेकर रहता था। क्षेत्र के 20 गांवों में उसके संपर्क थे। उसके देश में मतांतरण का जाल बिछाने वाले उमर गौतम से भी तार जुड़े हो सकते हैं। थाना प्रभारी गाजीपुर नीरज यादव ने बताया कि जरूरत पडऩे पर उसे रिमांड में लिया जाएगा। उसका एक साथी बकेवर थाने के एक गांव का है। दूसरे साथी को चिह्नित किया जा रहा है।